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राज्य अध्यापक पुरस्कार-2023
राज्य अध्यापक पुरस्कार हेतु पुनरीक्षित नियमावली/ दिशा निर्देश एवं समय सीमा
शिक्षकों के लिए राज्य अध्यापक पुरस्कार की व्यवस्था का उद्देश्य प्रदेश एवं जनपदों के सर्वोत्तम शिक्षकों के अनुपम योगदान को प्रोत्साहित करना है एवं उन शिक्षकों को सम्मानित करना है जिन्होंने अपनी प्रतिबद्धता एवं परिश्रम के माध्यम से न केवल विद्यालयी शिक्षा की गुणवत्ता में अपना योगदान दिया है बल्कि उन्होंने अपने विद्यार्थियों के जीवन को समृद्धशाली भी बनाया है |
राज्य अध्यापक पुरस्कार वर्ष 2023 हेतु परिषदीय प्राथमिक/उच्च प्राथमिक विद्यालयों/अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाई स्कूलों में कार्यरत अध्यापक/अध्यापिकाओं के चयन हेतु ऑनलाइन वेब पोर्टल (www.prernaup.in) के माध्यम से आवेदन पत्र दिनांक: 15 जून 2024 से 10 जुलाई 2024 के मध्य आमंत्रित किये जाते है |
पुरस्कार हेतु शिक्षकों की अर्हता एवं शर्तें:-
1- उ0प्र0 राज्य सरकार के बेसिक शिक्षा परिषद् द्वारा संचालित प्राथमिक/उच्च प्राथमिक विद्यालयों तथा अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाई स्कूलों में कार्यरत केवल नियमित अध्यापक/अध्यापिकाएं आवेदन करने के लिए अर्ह होंगे |
2- केवल नियमित रूप से कार्यरत अध्यापक/ अध्यापिकाएं आवेदन हेतु अर्ह होंगे जिन्होंने 15 वर्ष की सेवा पूर्ण कर ली हो तथा सेवानिवृत्त होने में 05 वर्ष से कम की अवधि नहीं बची हो |
3- प्राथमिक विद्यालयों में 150 से कम, उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 105 से कम एवं कम्पोजिट विद्यालय में 255 छात्र-छात्राएं से कम नामांकन न हो |
4- ब्रह्दंड प्राप्त अध्यापक आवेदन हेतु अर्ह नहीं होंगे |
5- संविदा शिक्षक एवं शिक्षा मित्र इस पुरस्कार के लिए अर्ह नहीं होंगे |
6- अवकाश प्राप्त /सेवा निवृत्त शिक्षक पुरस्कार के लिए अर्ह नहीं है |
7- शैक्षिक प्रशासक, विद्यालय निरीक्षक एवं प्रशिक्षण प्रदान करने वाली संस्थाओं के प्रशिक्षक इस पुरस्कार के लिए अर्ह नहीं हैं |
8- जो शिक्षक राज्य/राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त कर चुके है वे शिक्षक आवेदन न करें|
9- शिक्षक व्यक्तिगत ट्यूशन में संलिप्त न हों |
10- शिक्षक की स्थानीय समुदाय में अच्छी छवि हो तथा शिक्षक द्वारा समाज, अभिभावकों, विद्यार्थियों आदि को उत्प्रेरित करने का कार्य किया गया हो जिससे कि वे विद्यालय के विकास में योगदान दे | (जैसे- भौतिक, मूल रूप सुविधाएँ, कंप्यूटर, मध्याह्न भोजन, कोष/धन, किताबें आदि)
11- शिक्षक की शैक्षिक क्षमता एवं उसमें सुधार किए जाने की चेष्टा |
12- समुदाय में शिक्षक की सहभागिता तथा शैक्षिक नेतृत्व प्रदान किया जाना |
13- राष्ट्र निर्माण एवं राष्ट्रीय एकता के विकास में शिक्षक का योगदान |
14- शिक्षक के सेवा अभिलेख उत्कृष्ट श्रेणी के हों |
शिक्षकों के चयन हेतु अन्य विचारणीय बिंदु:-
1- विद्यालय में नामांकन बढ़ाने तथा Drop out घटाने के उपाय किए हों| तैनाती के वर्तमान एवं पूर्व विद्यालयों में विगत 15 वर्षों में छात्र नामांकन क्या रहा, उल्लेखित किया जाय| UDISE से सत्यापन कर लिया जाए (साक्ष्य संलग्न किए जाए)|
2- शिक्षक नियमित रूप से विद्यालय में उपस्थित हो तथा विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष द्वारा प्रदत्त तथा खण्ड शिक्षा अधिकारी/ जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा प्रतिहस्ताक्षरित प्रमाण-पत्र संलग्न किया हो |
3- शैक्षिक सत्र 2023-24 में छात्र नामांकन के सापेक्ष उपस्थिति बढाने के लिए शिक्षक द्वारा किया गया कार्य |
4- शैक्षिक सत्र 2023-24 में शिक्षक द्वारा दीक्षा पर प्रवेश स्तर से जारी प्रशिक्षणों को पूर्ण किया गया है एवं उसका उपयोग कक्षा-शिक्षण में किया जा रहा हो |
5- छात्र-छात्राओं के अधिगम स्तर एवं उत्तीर्ण प्रतिशत के आधार पर वार्षिक परीक्षा में छात्र नामांकन के सापेक्ष उत्तीर्ण प्रतिशत |
6- छात्र/छात्राओं पर अपने शिक्षण के अधिक प्रभाव के लिए शिक्षक द्वारा किये गये अभिनव प्रयोग जैसे आईसीटी, आनंददायक सिखने की तकनीक का उपयोग, शिक्षण-अधिगम सामग्री, कम लागत वाली शिक्षण सहायता आदि सहित दिन-प्रतिदिन शिक्षण गतिविधियों में उचित शैक्षणिक दृष्टिकोणो का विकास और उपयोग |
7- निपुण भारत के लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु शिक्षक द्वारा किये गये प्रयास निपुण नामांकन के सापेक्ष बच्चों की कक्षावार संख्या एवं प्रतिशत, नवोदय विद्यालय, विद्याज्ञान परीक्षा या उच्च प्राथमिक विद्यालय के सन्दर्भ में राष्ट्रीय आय एवं योग्यता आधारित छात्रवृत्ति परीक्षा में उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं की संख्या, इंस्पायर अवार्ड में विज्ञानं प्रदर्शनी में राज्य स्तर पर प्रतिभागिता एवं छात्रवृत्ति/पुरस्कार आदि प्राप्त किया हो |
8- कक्षा 5 में उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं का कक्षा 6 में नामांकन एवं कक्षा 8 में उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं का कक्षा 9 में नामांकन में वृद्धि |
9- विद्यालय में प्रचलित रजिस्टर को शत-प्रतिशत ऑनलाइन किया गया हो |
मूल्यांकन प्रक्रिया
शिक्षकों का मूल्यांकन, मूल्यांकन मैट्रिक्स जो कि अनुलग्न्क-1 के रूप में संलग्न है, के आधार पर किया जायेगा| मूल्यांकन हेतु मूल्यांकन मैट्रिक्स के तीन भाग हैं|
1-
वस्तुनिष्ठ मानक:-
इसके अंतर्गत शिक्षकों को प्रत्येक वस्तुनिष्ठ मानक के सापेक्ष अंक प्रदान किया जायेगा | इन मानकों को 40 अंको का अधिभार प्रदान किया जायेगा|
s
2-
प्रदर्शन आधारित (कार्य परक) मानक:-
इसके अंतर्गत शिक्षकों को कार्य के मानक के आधार पर अंक प्रदान किये जायेंगे | , इन सभी मानकों के लिए 40 अंको का अधिभार प्रदान किया जायेगा |
3-
प्रस्तुतीकरण/साक्षात्कार :-
शिक्षक द्वारा चयन समिति के समक्ष प्रस्तुतीकरण एवं साक्षात्कार दिया जायेगा | इस हेतु 20 अंक निर्धारित है |
आवेदन एवं चयन की प्रक्रिया:-
1- सभी आवेदन निर्धारित ऑनलाइन ‘प्रेरणा’ वेब पोर्टल (www.prernaup.in) के माध्यम से स्वीकार किये जायेंगे| ऑफलाइन माध्यम से कोई भी आवेदन स्वीकार नहीं किया जायेगा |
2- शिक्षक द्वारा स्वयं प्रत्यक्ष रूप से निर्धारित समय सीमा के अंतर्गत ‘प्रेरणा‘ वेब पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन किया जायेगा |
3- आवेदन पत्र के साथ ऑनलाइन पोर्टफोलियो दाखिल किया जायेगा| पोर्टफोलियो में कार्य से सम्बन्धित सामग्री जैसे कि अभिलेख, टूल्स, गतिविधियों की सूचना, फील्ड भ्रमण, फोटो, ऑडियो या वीडियो सम्मिलित है|
4- प्रत्येक आवेदक द्वारा इस आशय की घोषणा की जाएगी कि उसके द्वारा उपलब्ध करायी गयी प्रत्येक सूचना/डाटा उसके सर्वोत्तम ज्ञान के अनुसार सत्य एवं विश्वसनीय है और यदि किसी भी समय सूचना/डाटा गलत पाया गया तो उसके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी|
5- जनपद चयन समिति/ राज्य चयन समिति द्वारा संस्तुत किये गए शिक्षक के सम्बन्ध में यह भी ध्यान रखना होगा की किसी भी ऐसे कृत्य में सहभागी न रहे हो यथा शासकीय धनराशि का गबन, शासन, प्रशासन के विरुद्ध आन्दोलन हेतु प्रेरित करना आदि |
6- ऐसे शिक्षक के सम्बन्ध में विचार नहीं किया जायेगा जो जेल में निरुद्ध रहे हो अथवा विभागीय कार्यवाही के अंतर्गत दण्डित हुए हो अथवा किसी न्यायालय द्वारा दण्डित किये गए हों|
7- यह भी देखा जायेगा की शिक्षक की सेवाएं उत्कृष्ट श्रेणी की रही हैं तथा सम्बंधित शिक्षक के विरुद्ध किसी भी प्रकार की अनुशासनिक कार्यवाही गतिमान तो नहीं है अथवा उनके विरुद्ध कोई विधिक/अपराधिक/ सतर्कता की जाँच की कार्यवाही लंबित तो नहीं है |
8- शिक्षक का चरित्र, विशिष्ट शैक्षिक उपलब्धियों ,नियमित उपस्थिति ,उनके द्वारा नवाचार, स्थानीय क्षेत्र में उनकी सामान्य छवि,सामाजिक सहभागिता इत्यादि कार्यो का सत्यापन जनपद चयन समिति द्वारा कराया जायेगा |
9- राज्य अध्यापक पुरस्कार हेतु आवेदन करने वाले शिक्षकों के सम्बन्ध में उपर्युक्त बिन्दुओं को दृष्टिगत रखते हुए जनपद चयन समिति द्वारा संलग्न मूल्यांकन मैट्रिक्स के आधार पर प्रत्येक जनपद से अधिकतम 02 श्रेष्ठ शिक्षको का चयन किया जायेगा तथा जनपद चयन समिति द्वारा हस्ताक्षरयुक्त एवं जिलाधिकारी द्वारा प्रतिहस्ताक्षरित सतर्कता एवं सत्यनिष्ठा प्रमाण-पत्र (Vigilance Clearance & Intergity Certificate) सहित उनके आवेदन पत्र राज्य चयन समिति को पोर्टल के माध्यम से अग्रेषित किये जायेंगे | उक्त प्रमाण पत्र के बिना आवेदन पत्र पर विचार नहीं किया जायेगा |
जनपद चयन समिति:-
शिक्षक द्वारा प्रेषित आवेदन पत्रों की प्रथम स्तर पर जाँच/मूल्यांकन जनपद चयन समिति द्वारा की जाएगी | जनपद चयन समिति निम्नवत होगी:-
1. प्राचार्य, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान
-अध्यक्ष
2. जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी
-सदस्य सचिव
3. वरिष्ठतम खण्ड शिक्षा अधिकारी
-सदस्य
4. जिलाधिकारी द्वारा नामित जनपद स्तर का एक शिक्षाविद्
-सदस्य
जनपदीय चयन समिति के कार्य:-
1. सत्यापन समितियों का गठन करके आवेदक द्वारा उपलब्ध कराये गये तथ्यों/सूचनाओ का भौतिक सत्यापन |
2. जनपद चयन समिति द्वारा अनुलग्न्क-I में दिए गए प्रारूप के अनुसार आवेदकों का मूल्यांकन/अंकन |
3. जनपद चयन समिति द्वारा प्रमाणित किया जायेगा की तथ्यों के उचित सत्यापन के बाद अंक प्रदान किये गए है |
4.समस्त आवेदन पत्रों के विस्तृत मूल्यांकन के बाद जनपद चयन समिति द्वारा 2 शिक्षकों को शोर्टलिस्ट किया जायेगा तथा उन दोनों के सतर्कता एवं सत्यनिष्ठा प्रमाण-पत्र के साथ उनके आवेदन पत्रों को पोर्टल के माध्यम से राज्य चयन समिति को अग्रेषित किया जायेगा |
राज्य चयन समिति :-
जनपद चयन समिति द्वारा संस्तुत शिक्षकों के नामो पर राज्य अध्यापक पुरस्कार हेतु विचार एवं चयन के लिए महानिदेशक,स्कूल शिक्षा, उत्तर प्रदेश की अध्यक्षता में
'राज्य चयन समिति'
होगी जो निम्नवत है :-
(क) महानिदेशक, स्कूल शिक्षा, उ0प्र0|
-अध्यक्ष
(ख) शिक्षा, निदेशक (बेसिक) उ0प्र0, लखनऊ |
-सदस्य सचिव
(ग) निदेशक, राज्य सचिव अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद,उ0प्र0, लखनऊ |
-सदस्य
(घ) उप शिक्षा निदेशक (प्राइमरी), शिविर कार्यालय,शिक्षा निदेशक (बेसिक), उ0प्र0, लखनऊ |
-सदस्य
(ड.) शिक्षा के क्षेत्र में महानिदेशक, स्कूल शिक्षा द्वारा नामित एक शिक्षाविद |
-सदस्य
राज्य चयन समिति के कार्य:-
राज्य चयन समिति द्वारा मुख्यतः निम्नवत कार्य सम्पादित किये जायेंगे |
क- जनपदीय चयन समिति द्वारा संस्तुत/अग्रेषित शिक्षको के ऑनलाइन प्राप्त आवेदन पत्रों का राज्य चयन समिति द्वारा पुनः परिक्षण कर मूल्यांकन किया जायेगा |
ख- अभ्यर्थी द्वारा राज्य चयन समिति के समक्ष अपना साक्षात्कार/प्रस्तुतीकरण दिया जायेगा |
ग- राज्य चयन समिति द्वारा आवेदन पत्रों के मुल्यांकन एवं शिक्षकों के प्रस्तुतीकरण एवं साक्षात्कार के आधार पर विचार करते हुए प्रत्येक जनपद से एक अध्यापक/अध्यापिका को राज्य अध्यापक पुरस्कार प्रदान किये जाने हेतु अपनी संस्तुति शासन को संदर्भित की जाएगी |
(प्रताप सिंह बघेल )
शिक्षा निदेशक (बेसिक)
उoप्रo, लखनऊ |
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